Sad father story in hindi

By | January 2, 2019

Sad father story in hindi

यह कहानी एक बूढ़े पिता की है सुनने के बाद शायद आपके आंखों में आंसू आ जाए पर यह सच है यह दुनिया का असूल है हम लाख कोशिश करें फिर भी हमारे आस पास ऐसे लोग मिल जाते हैं एक छोटा सा बच्चा था और एक पिता था मां की मृत्यु हो गई थी Sad father story in hindi

पिता सारा दिन काम करता और अपने बेटे को पोस पाल कर बड़ा करता वह सारे सुख देता जो 1 मां दे सकती थी एक दोस्त दे सकता था कभी कुछ नहीं मांगा उस पिता ने सिर्फ इतना ही मांगा कि मेरे बेटे को कोई परेशानी ना हो एक दिन बेटा पढ़ लिख कर Sad father story in hindi

अच्छा जॉब भी करने लगता है और वह शहर में रहने लगता है कुछ दिन बाद वह अपने पिता से मिलने आता है और कहता है पापा मुझे कुछ पैसे की जरूरत है मैं चाहता हूं कि शहर में ही जमीन लेकर अपना घर बना लू पिता इस बात को सुनकर बहुत खुश होते हैं

सोचते हैं कि मेरा बेटा है एक न एक दिन नाम करेगा जिंदगी भर की बचाई हुई पूंजी को निकाल कर अपने बेटे को दे देते हैं बेटा शहर ले जाता है और उन पैसों से अपना घर बना लेता है पिता इधर इंतजार करता रहता है कि मेरा बेटा फिर से आएगा

एक ना एक दिन तो मेरे पास आएगा ही जाएगा कहां उसके पास अब कोई नहीं जाता था क्योंकि ना ही अब उस पिता के पास पैसे थे और ना ही रहने का जगह था कुछ दिन बाद बेटा फिर लौट कर आता है और अपने पिता से कहता है पापा अब आप दादाजी बनने वाले हैं

पिता को बहुत खुशी होती है इस बात को सुनकर वह कहते हैं तो मुझे अपनी बहू और पोता से कब मिलाएगा बेटा कहता है बस पापा थोड़े दिन और पापा मुझे कुछ पैसों की जरूरत है क्योंकि आजकल थोड़ा मेरे जॉब में खींच बीच हो रहा है जिसके कारण से मुझे कुछ दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है

पिता के पास कुछ नहीं रहता है देने के लिए लेकिन फिर भी कहता है अच्छा बेटा तो रुक मैं अभी आया कुछ पैसों का बंदोबस्त कर के वहां जाने के बाद एक महाजन से कुछ पैसे उधार लेकर अपने बेटे को लाकर दे देता है और बेटा पैसे लेकर शहर चला जाता है बरसो गुजर जाते हैं

पिता सोचते हैं कि मैं तो अब दादाजी बन गया हूंगा मेरा बेटा पता नहीं मेरे नाती को लेकर कब आएगा फिर सोचने लगते हैं समय नहीं मिलता होगा इसीलिए मेरा बेटा अभी तक आया नहीं वरना आया जरूर होता तब तक दो-तीन आदमी को महाजन लेकर उस पिता के घर पर चला जाता है

और कहता है कि आप के वादे के मुताबिक मैंने पूरे 3 महीने बाद आया हूं अपने पैसे ले जाने पिता कहते हैं मेरे पास पैसे नहीं है देने के लिए महाजन कहता है जब पैसे देने नहीं थे तो आपने मुझसे उधार क्यों लिया तभी पिता कहते हैं ठीक है रूको मैं तुम्हारे लिए पैसों का बंदोबस्त करके आता हूं

और वहां के नजदीकी अस्पताल में चले जाते हैं वहां जाकर अपना ब्लड डोनेट करते हैं और अपनी एक किडनी बेच देते हैं और उस महाजन का कर्ज़ छूटा कर देते हैं किडनी बेचने के बाद उनकी स्थिति और भी खराब हो जाती है और वह उस राह में जी रहे होते हैं

कि मेरा बेटा एक दिन आएगा जरूर इस आस में जीते जीते 1 दिन पिता की मृत्यु हो जाती है परंतु उस बेटे को नसीब नहीं हुआ अपने पिता को आग देने के लिए पता नहीं हमारी देश कितनी तरक्की कर रही है कैसी लगी कहानी दोस्तों हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आपको अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

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