very short hindi moral stories
एक समय की बात है एक पेड़ पर दो चिड़िया रहती थी दोनों चिड़िया बहुत ही खुश रहते थे क्योंकि दोनों चिड़िया एक दूसरे की बहुत ही अच्छी दोस्त थी
एक चिड़िया प्रेग्नेंट थी जो अब अंडे देने वाली थी तो दूसरे चिड़िया से बोली कि मेरे अंडे का रेट वारी करना और मैं थाना लेने जाऊंगी इस बात को सुनकर
दूसरी चिड़िया बोली हां क्यों नहीं हम पड़ोसन इतना भी काम नहीं आएंगे तो फिर क्या करेंगे अगले दिन अपना अंडा छोड़कर चिड़िया दाना लेने चली गई
सुबह से शाम हो गए उसे और कुछ दाना मिले उस हटाने को लेकर आई दूसरा चिड़िया बोली मैं अब मालूम है तुम्हें कितनी भूखी हूं सुबह से मैंने कुछ नहीं खाया है
तुम्हारे अंडे की रखवारी कर रही थी मैं सोची कि तुम दाने लेकर जल्दी चली जाओगी परंतु मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि तुम जाकर वहां पर खुद भरपेट खाकर और मुझे
मेरे लिए दाना रात में लेकर आओगे तभी दूसरी चिड़िया बोली अरे भाई ऐसी कोई बात नहीं थी मैं तो बहुत दूर चली गई थी और दाना नहीं मिल रहा था कभी-कभी तो
ऐसा तुम्हारे साथ भी होता है कि दाना नहीं मिलता है और लास्ट में मिलता है तो हम लोग का पेट भरता है परंतु चिड़िया ने एक बात नहीं सुनी और सीधा आरोप लगाया
परंतु जो दाना लेकर आया था उस गाने को खाया और अगले दिन से निर्णय किया कि तुम अपने अंडे की रखवारी खुद करोगी और मैं जाऊंगा दाना लेने अगले दिन दाना
लेने दूसरी चिड़िया गई और वह किसी बाज की चपेट में आ गई बांझ से बचते बचते काफी दूर चली गई इतना दूर चली गई कि 1 दिन में आना उसके लिए संभव नहीं था
अगले दिन जब चिड़िया पहुंचे तो उससे सारी बात बताई तब कहीं बहना देखो कभी भी दूसरे की बात मान लेनी चाहिए जो बात तुम्हें परेशान किया था वह बाद मुझे भी
परेशान किया था परंतु मैं तुमसे यह बात इसलिए नहीं कहीं क्योंकि तुम विश्वास नहीं करते क्योंकि तुम उस समय गुस्से में थे तो दोस्तों को भी भी कोई भी कार्य हो तो
किसी को आप से मिलने में लेट होता है तो आप उसकी मजबूरियों को समझे ना कि उसे अपना डांट फटकार दें तो दोस्तों कैसी लगी स्टोरी हमें कमेंट करके जरूर बताएं आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद