moral stories for kids in hindi
एक गांव में एक छोटा सा बच्चा रहता था जिस बच्चे की उम्र मात्र 7 साल थी उस बच्चे का नाम राम था वह बहुत ही समझदार था किसी भी कार्य को बहुत ही लगन
और ईमानदारी से करने के लिए सोचता था और उसे करता भी था इससे उसके माता-पिता बहुत ही खुश रहते थे कि मेरा बेटा कितना समझदार है
हम लोग की हर एक बात मानता है और किसी भी काम को बहुत ही लगन और ईमानदारी से करता है तभी राम के पिता जी ने उसे कहा कि हम खेत पर चल रहे हैं
और वहां पर चलकर खेती करेंगे राम अपने पिताजी के साथ खेत चला गया उसके पिताजी खेत की कुड़ाई कर रहे थे और राम उसे बराबर कर रहा था तभी राम के
पिताजी की आंख भर आए कि मेरा बेटा कितना समझदार है एक मेरा बड़ा बेटा श्याम जो कुछ नहीं करता वही मेरा छोटा बेटा राम इतना कुछ करता है राम जी हां
दोस्तों राम भी उसका भाई था और वह बहुत ही अय्याश था वह किसी भी कार्य को करता नहीं था वह हमेशा ऐसी की जिंदगी जीना चाहता था एक दिन श्याम राम
के पैसे कुछ चुरा लिया और उसे ले जाकर उड़ा दिए राम ने जब श्याम से पूछा क्या तुमने मेरे पैसे लिए हैं तो श्याम ने जवाब दिया हां मैंने लिए हैं तो राम ने कहा तुम्हें मालूम है
वह पैसे किस लिए थे वह पैसे भी जलाने के लिए रखे हुए थे और तुमने उसे ले जाकर के उड़ा दिया राम बहुत ही गुस्से में था कि मेरे भाई ने मेरा पैसे सारे उठा दिए हैं
मेरे 1 साल की जमा पूंजी सारे खत्म कर दिए हैं लेकिन राम बहुत छोटा था राम यही सोचते-सोचते वहां से चल दिया तभी उसके रास्ते में एक ऋषि मुनि मिले ऋषि
मुनि को अपनी सारी बात बताई तभी ऋषि मुनि ने राम से कहा बेटा तुम चिंता मत करो दुनिया में सुख दुख हमेशा आता रहता है कोई अगर जो तुम्हें दुख दे रहा है
तो वह बाद में जरूर दुखी हो जाएगा अगर जो तुम अभी दुख कर रहे हो तुम अपने मेहनत और लगन ईमानदारी से काम कर रहे हो मतलब तुम्हें बाद में सुख
मिलने वाला है और ऐसा ही हुआ जब राम बड़ा हो गया तो उसे पैसे की ना ही कमी थी और ना ही इज्जत और सम्मान की कमी थी तो दोस्तों इसीलिए कहते हैं
कि पहले दुख करना चाहिए बाद में सुख करना चाहिए यानी पहले मेहनत करके आगे बढ़ना चाहिए बाद में उसका आराम करना चाहिए तो कैसी लगी स्टोरी दोस्तों हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद