Moral Stories in Hindi For Class 9 | जादुई छड़ी
बहुत समय पहले की बात है एक दिन रत में सुलेखा अपने रूम में बयठी थी। उसी समय उसके कमरे की खिडकी पर बिजली चमकी। सुलेखा घबराकर उठ गई। उसने देखा कि खिडकी के पास एक बुढिया औरत हवा मे उड़ रही थी। बुढ़िया खिडकी के पास आइ और बोली सुलेखा तुम बहुत अच्छी लड़की हो। इसलिए मैं तुम्हे कुछ देना चाहती हूँ।”
सुलेखा यह सुनकर बहुत खुश हुई। बुढिया ने सुलेखा को एक छड़ी देते हुए कहा “सुलेखा यह जादू की छड़ी है। तुम इसे जिस भी चीज की तरफ मोड़ कर एक बार घुमाओगी वह चीज गायब हो जाएगी।” अगले दिन सुबह सुलेखा उस छड़ी को अपने स्कूल ले गई। वहा उसने बदमाशी करना शुरू कर दी ।
उसने पहले अपने सामने बैथा लड़के की किताब गायब कर देती है फिर बहत सारे लड़के और लडकियों की पेन और पेंसिलें भी गायब कर दीं। किसी को भी पता न चला कि यह सुलेखा की छड़ी की करामात है। जब वह घर पहुँची तब भी उसकी बदमाशी बंद नही हुई। सुलेखा को इस खेल में बहुत मजा आ रहा था। दरवाजे के सामने एक गिलास रखा हुवा था
उसने सोचा, “क्यों न मै इस गिलास को गायब कर दे ती हू । जैसे ही उसने छडी घुमाई वैसे ही सुलेखा की पापा कमरे से बाहर निकल कर गिलास के सामने से गुजरे फिर क्या सुलेखा की जगह सुलेखा के पापा गायब हो गए। सुलेखा बहुत डर गई और बहुत रोने लगी। इतने में ही उसके सामने वह बुढिया ओरत आ गयी ।
सुलेखा ने बुढिया ओरत को सारी बात बताई। बुढिया ओरत ने सुलेखा से कहा “ मै तुम्हारी पापा को वापस ला सकती हू लेकिन उसके बाद मै तुमसे ये जादू की छडी वापस ले लूगी।” सुलेखा बोली `आप को जो भी चाहिए ले लो लेकिन मुझे मेरे पापा को वापस ला दो।” तब बुढिया ओरत ने जादुई मंत्र पढ़ा और देखते ही देखते तुरंत सुलेखा के पापा वापस आ गए ।
सुलेखा ने मुड़ कर बुढ़िया ओरत का शुक्रिया अदा करना चाहा लेकिन तब तक बुढ़िया ओरत बहुत दूर असमान में जा चुकी थी। सुलेखा अपनी पापा को वापस पाकर बहुत खुश हुई और