Ghamandi Dost ki Hindi Kahani Story
एक घमंडी दोस्त की कहानी एक गांव में 2 दोस्त रहते थे एक का नाम राम था और दूसरे का नाम श्याम था राम बहुत अच्छा और बहुत ही समझदार था
लेकिन श्याम सिर्फ घमंडी था इस से राम को कोई फर्क नहीं पड़ता एक दिन राम और श्याम जंगल में लकड़ियां काटने चले जाते हैं वहां पर एक ऋषि मुनि मिलते हैं
जिसे देख कर राम अपना सर झुका लेता है और प्रणाम करता है वहीं श्याम कुछ नहीं बोलता है थोड़ी दूर और जाते हैं तो पेड़ को नमस्कार ई करके राम लकड़ियां काटना स्टार्ट कर देता है
वही सब पेड़ को बिना कुछ कहे उसकी लकड़ियां काटने लगता है थोड़े दूर और आगे बढ़ते हैं तो एक और पेड़ दिखाई देता है जिसकी लकड़िया बिल्कुल सूखी रहती है
परंतु वह पेड़ नदी के किनारे रहता है राम कहता है मैं पेड़ की मै पेड़ की डालियों चढ़कर मैं लकड़ी काटता हूं तुम श्याम मेरे दोस्त लकड़ियां इकट्ठा करना तभी उस जंगल से बहुत ही ज्ञानी गुरु गुजर रहे थे
वह देखते ही श्याम को पहचान गए कि यह बहुत घमंडी है उन्होंने श्याम से कहा मुझे थोड़ा पानी पिला दो श्याम ने नहीं पिलाया परंतु राम को गुरु कहे मुझे थोड़ा
पानी पिला दो राम तुरंत पानी गुरु को पिलाया गुरु ने आशीर्वाद दिया राम को आज के बाद तुम हमेशा से खुश रहोगे तुम्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होगी और इतना कहकर
वहां से गुरु चले गए राम जब अपने घर पहुंचा तो देखा बिल्कुल सब कुछ बदल चुका था उसके पास ढेर सारी गाय ढेर सारे नौकर चाकर सब कुछ बदल चुका था वहीं श्याम देखा
तो उसके घर पहले से भी ज्यादा स्थिति खराब हो गई थी तो इसीलिए कहते हैं दोस्तों कभी हमें घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि जिस दिन जो इंसान घमंड कर दिया
वह समझ जाना कि लाइफ में कभी सक्सेज नहीं होगा चाहे उसके पास कितना भी पैसा हो पैसे के लिए लोग तो उसके पास जाएंगे लेकिन बाद में उसे सिर्फ
गालियां देंगे तो कैसी लगी कहानी दोस्तों हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आपको अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद