childhood story in hindi
सोने की गोबर देने वाली गाय एक समय की बात है एक गांव में एक गाय रहती थी जो पूरी हो गई थी परंतु एक किसान अपने गाय से बहुत प्यार करता था वह गाय बूढ़ी हो गई थी
फिर फिर भी उसे अपने द्वार पर ही रखता था उसे टाइम से खाना देता था किसान भालके गरीब था परंतु गरीबी के हालात में भी उस गाय को कभी अपने से अलग नहीं किया था
गाय बहुत ही दुखी रहती थी इस बात को सोचकर के कि मैं इस किसान पर एक बोझ बन के रह गई हूं और यह किसान मुझे कितना ख्याल रखता है मेरे मालिक मैं आपके
लिए क्या कर सकती हूं मैं तो बूढ़ी हो चुकी हूं लेकिन किसान को इस बात पर कोई फर्क नहीं पड़ता था किसान कहता था तुम जब तक जिंदा रहोगे तब तक मैं तुम्हारी सेवा करूंगा
इसलिए सेवा करूंगा क्योंकि तुमने मुझे दूध पिलाया है और मैं उस दूध का कर्ज अदा करूंगा यह बात सुनकर गाय के आंख में आंसू आ गए और गाय जोर जोर से रोने लगी
तभी उसके सामने महालक्ष्मी जी प्रकट हुई और बोली कि गाय तुम क्यों रो रही हो तभी काहे नहीं कहीं मेरे मालिक मेरा कितना ख्याल रखते हैं मेरे दूध का कर्ज अदा कर रहे हैं
और मैं हूं जो अपने मालिक के लिए कुछ भी नहीं कर पा रही हूं तभी महालक्ष्मी उनसे आशीर्वाद दी और कहीं की यह लो मैं तुम्हें आशीर्वाद दे रही हूं इससे तुम्हारा मालिक
हमेशा खुश रहेगा अगले दिन जब सुबह मालिक उठा तो देखा कि गाय सोने के गोबर दी हुई थी वह थोड़ी देर के लिए किसान चौक गया यह कैसे हो सकता है तब गाय
किसान को सारी बात बताई और किसान रोके और गले लग गया गाय के और कहां इसकी कोई जरूरत नहीं है बस तुम अच्छे से रहो यही बहुत ही ज्यादा है
तभी किसान की बीवी जब इस चीज को देखें तो उसके मन में लालच पैदा हो गया और किसान की बीवी सूची रोज-रोज गोबर थोड़ा-थोड़ा देती है एक ही दिन सारा
गोबर निकाल लूं मैं तो कितने ढेर सारे सोने के गोबर हो जाएंगे मेरे पास जिससे बहुत सारे पैसे मिलेंगे और किसान की बीवी चुपके से गाय का पेट काट दी जिससे
कि गोबर भी नहीं मिला और जो भी सोने के गोबर थे वह फिर से गोबर बन गया तो दोस्तों इसीलिए कहते हैं कभी लालच नहीं करना चाहिए लालच करना
बुरी बला तो दोस्तों कैसी लगी है स्टोरी हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद